शब्द सामर्थ्य-13,प

शब्द अर्थ प पंचगव्य गौ से प्राप्त पांच वस्तुएं पंचक पांच का समूह पटू कुशल / निपुण पतनोन्मुख पतन की ओर झुकाव पथ्य उपयुक्त आहार…

भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की शिक्षा के प्रवर्तक – गोस्वामी तुलसीदास

 – अरुण मिश्र भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। अपने उदात्त जीवन मूल्यों और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ जैसे आदर्शों के चलते समूचा…

तुलसीदास जी का शिक्षा दर्शन – 27 जुलाई जयंती विशेष

– प्रोफेसर बाबुराम शिक्षा मानव जीवन के चरित्र निर्माण, रुचियों, प्रवृत्तियों, चेष्टाओं में बदलाव और बहुआयामी विकास के साथ सामाजिक समरसता उत्पन्न करती है। इसीलिए…

बच्चों को सुनाएँ ‘कारगिल के हीरो’ की कहानियां

लेख  – विजय नड्डा   युद्ध में प्रत्येक सैनिक हीरो होता है। युद्ध की जीत में सामान्य समाज से लेकर राजनीतिक, प्रशासनिक व सैन्य नेतृत्व…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-13 (करणों की सक्रियता)

 – वासुदेव प्रजापति ज्ञानार्जन के सभी करण जन्म से ही हमें मिल तो जाते हैं, परन्तु जन्म से ये सभी करण सक्रिय नहीं होते, अक्रिय…

शब्द सामर्थ्य-12,ध, न

शब्द अर्थ ध धकापेल बिना सोचे कम निपटाना धन्य सुकृती, प्रशंसा योग्य धर्ता धारण करने वाला धवलिमा उजलापन धारणा बात मन में लगातार रखना धुरन्दर…

बालकों के लिए उपयोगी – आपके घर में ऐसा है क्या?

 – दिलीप वसंत बेतकेकर आज के घर सामानों के ‘भंडारगृह’ हो गए हैं। जगह की कमी, फिर भी फर्श से छत तक विविध वस्तुओं का…

बाल केन्द्रित क्रिया आधारित शिक्षा-22 (संस्कृत भाषा शिक्षण)

 – रवि कुमार संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है और अनेक भाषाओं की जननी है। भारतीय संस्कृति, परम्परा, इतिहास, मान बिदु, जीवन मूल्य आदि…

EDUCATION AND SWADESHI MODEL

 – G R Jagadeesh Any country should have its own aim and vision in order to achieve progress. This contains both ideological and realistic dimensions…

भारतीय शिक्षा – ज्ञान की बात-12 (करणों का विकास)

-वासुदेव प्रजापति ज्ञानार्जन के करणों में हमने बहि:करण एवं अन्त:करण को जाना। बहि:करण में कर्मेन्द्रियों व ज्ञानेन्द्रियों के कार्यों को समझा और अन्त:करण में मन,…