– अवनीश भटनागर हम में से अधिकांश सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है। जिनका जन्म 20 वीं शताब्दी में हुआ है,…
Category: अमृत महोत्सव
भारतीय भाषाओं का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 4
– डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता भाषा के बिना एक मनुष्य का दूसरे मनुष्य से सार्थक संवाद होना एक अत्यंत दुष्कर कार्य है अत: भाषाओं…
भारतीय ज्ञान का खजाना – 3 (भारत की प्राचीन कलाएं – भाग दो)
– प्रशांत पोळ अक्सर छत्तीसगढ़ राज्य को हम नक्सलवाद से प्रभावित और अशांत प्रदेश के रूप में पहचानते हैं। परन्तु यह छत्तीसगढ़ का वास्तविक रूप…
भारतीय ज्ञान का खजाना – 3 (भारत की प्राचीन कलाएं – 1)
– प्रशांत पोळ विश्व के किसी भी भूभाग में यदि किसी संस्कृति को टिके रहना है, जीवंत रहना है, तो उसे परिपूर्ण होना आवश्यक है।…
भारत की स्वतन्त्रता में नागा वीरांगना रानी माँ गाईदिन्लियु का योगदान
– पंकज सिन्हा एक वीरांगना थी। कालांतर में उनके अपने ही नहीं, अपितु जो भी उनके संपर्क में आया, वे सभी उन्हें रानी माँ ही…
स्वतन्त्रता का सूर्य – नेताजी सुभाष बोस
– डा. हिम्मत सिंह सिन्हा सुभाष चन्द्र बोस भारत के क्षीतिज पर उज्ज्वल नक्षत्र बनकर उभरे – कवियों ने ऐसा यशोगान किया है। जनवरी 1992…
वीर सावरकर कृत ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ पुस्तक का इतिहास
– रवि कुमार कहते हैं 1857 की क्रांति विफल हुई। क्या यह कहना सही है? नहीं! 1857 का महासंग्राम उसके बाद की पीढ़ियों को स्वतंत्रता…
भारतीय भाषाओं (मलयालम और मराठी) का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान – 3
मलयालम भाषा का योगदान १८५७ का स्वतंत्रता संग्राम कई संदर्भों में अद्भुत है। यह वास्तव में भारत की जनता के विरोध की भावाभिव्यक्ति थी जिसमें…
भारतीय ज्ञान का खजाना – 1 (पंचमहाभूतों के मंदिरों का रहस्य)
– प्रशांत पोळ इस लेखमाला, अर्थात् ‘भारतीय ज्ञान का खजाना’ का उद्देश्य है कि हमारे देश में छिपी हुई अनेक अद्भुत एवं ज्ञानपूर्ण बातों को…
युवाओं के लिए प्रेरणा है देश-धर्म के लिए गुरु पुत्रों का बलिदान
– निखिलेश महेश्वरी देश, धर्म और संस्कृति के लिए समर्पण एवं बलिदान की भारत में एक गौरवपूर्ण परंपरा रहीं है जो संपूर्ण विश्व में कहीं…