– डॉ० अंजनी कुमार सुमन भारत भूमि का कण-कण वीरों के मनोबल और बलिदानियों के रक्त से सिंचित रहा है। समय, काल, परिस्थितियाँ भले ही…
Category: अमृत महोत्सव
1857 के स्वातंत्र्य समर में दिल्ली लड़ती है – 2
– रवि कुमार जून से सितम्बर 1857 दिल्ली का संघर्ष शायद ही कोई जानता हो, शायद ही किसी पाठ्य पुस्तक में पढ़ाया गया हो और…
क्रांतिकारी विचारों के जनक विपिन चंद्र पाल
– चन्द्रभूषण त्रिवेदी भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में ‘लाल-बाल-पाल’ प्रसिद्ध हैं। इनमें से विपिन चन्द्र पाल एक वीर स्वतंत्रता सेनानी के साथ साथ एक…
भारत का लम्बा संघर्ष
– श्रीश देवपुजारी ६२२ ईस्वी से लेकर ६३४ ईस्वी तक मात्र १२ वर्षों में अरब के सभी मूर्ति पूजकों को मुहम्मद साहब ने इस्लाम की…
1857 के स्वातंत्र्य समर में दिल्ली लड़ती है – 1
– रवि कुमार 11 से 16 मई 1857, इन पांच दिनों में दिल्ली में जो हुआ वह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए।…
स्वतन्त्रता संग्राम में आर्य समाज की भूमिका
-डॉ. रवि प्रकाश भारत जब आजाद नहीं हुआ था उस समय देश में कई कुरीतियां और अन्य सामाजिक बुराइयाँ देश में फैली हुई थी। इन…
1857 के स्वातन्त्र्य समर में दिल्ली की स्वतंत्रता
– रवि कुमार 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर 11 मई को मेरठ से प्रारम्भ हुआ। दिल्ली इस समर के प्रमुख केंद्रों में से एक था।…
Renegades fighting the Raj in a foreign land
– Shalini Umachandran In his latest book, ‘Rebels Against the Raj’, historian Ramachandra Guha tells the stories of seven foreigners in India who opposed British…
1857 प्रथम स्वातंत्र्य समर में हरियाणा का योगदान
– रवि कुमार कहते हैं कि 1857 मात्र एक सैनिक विद्रोह था। अर्थात इसमें केवल सैनिकों ने ही भाग लिया था। वस्तुस्थिति ऐसी नहीं है।…
भ्रान्तियों के निवारण का महापर्व : आजादी का अमृत महोत्सव – 2
एक और अटपटा किन्तु विचारणीय प्रश्न जब हम यह चर्चा कर रहे हो कि भारत पराधीन कब हुआ, तो यह विचार करना भी समीचीन…